मंत्री विक्रमादित्य का इस्तीफ़ा, सुक्खू सरकार को लगा एक और बड़ा झटका

मंत्री विक्रमादित्य का इस्तीफ़ा, सुक्खू सरकार को लगा एक और बड़ा झटका

मुख्यमंत्री सुक्खू से आखिर क्यों नाराज़ चल रहे है कांग्रेस के कई विधायक और मंत्री ? क्या कांग्रेस हाईकमान इस भंवर से बहार निकलने की वक्त रहते तरकीब निकल पाएगी या बिखर जाएगी सरकार । कांग्रेस सरकार के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में जाने से प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है।

पत्रकार वार्ता में विक्रमादित्य सिंह भावुक होकर रोने लगे। कहा कि वीरभद्र छह बार सीएम रहे, लेकिन रिज पर उनकी प्रतिमा के लिए जगह नहीं मिली। इससे आहत हूं। कहा कि जनता  से चर्चा के बाद आगामी फैसला लूंगा और कहा कि राज्यपाल को इस्तीफा देने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में मंत्री रहते हुए भी उन्हें कई बार नीचा दिखाने की कोशिश की गई। हाल ही में घटी शिलान्यास पत्रिकाएं तोड़ने की घटना भी इसी से जुड़ी हुई है।

सुक्खू सरकार के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को राज्य विधानसभा परिसर में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने इसका एलान किया। कहा कि  जनता के प्रति मेरी जावाबदेही है। कहा कि एक साल के घटनाक्रम में विधायकों की अनदेखी हुई। आवाज दबाई गई। कहा कि शिलान्यास मामले में मेरे विभाग के अफसरों को नोटिस दिए गए। वह वीरभद्र सिंह के कदमों पर चल रहे हैं। प्रियंका गांधी, खरगे को दो दिन के घटनाक्रम की जानकारी दे दी है और अब हाईकमान को फैसला लेना है।

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में जाने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा विधायक दल के साथ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बुधवार सुबह राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिले और सदन में  बजट के लिए मत विभाजन की मांग की। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल से मिलकर हमने मौजूदा घटनाक्रम की जानकारी दी। इस सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। भाजपा विधायक दल ने राज्यपाल को एक पत्र सौंप गए कई मुद्दे उठाए गए। पत्र में आरोप लगाया कि मंगलवार को विपक्ष की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं पर लाए गए कटौती प्रस्ताव के दौरान स्पीकर और सरकार का व्यवहार भेदभावपूर्ण रहा। स्पीकर ने डिवीजन ऑफ वोट से इन्कार किया।  स्वास्थ्य मंत्री के जवाब के दौरान ध्वनिमत से मांग संख्या 9 को पारित किया गया। इस संबंध में सदन में उठाए गए हाथ नहीं गिने गए। स्पीकर ने जान-बूझकर सदन को अगले दिन के लिए स्थगित किया।  इसके बाद जब नेता प्रतिपक्ष और अन्य भाजपा विधायक स्पीकर से मिलने गए तो उन्होंने चैंबर का दरवाजा बंद कर दिया।  भाजपा विधायकों के साथ मार्शल, सुरक्षाकर्मियों ने धक्कामुक्की की और उन्हें चोटें आईं। भाजपा विधायक दल ने पत्र के जरिये बजट को पारित करते वक्तवोट ऑफ डिवीजन की मांग रखी और इस संबंध में स्पीकर को उचित निर्देश जारी करने को कहा। उधर, भाजपा विधायकों के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सुबह 9:30 बजे राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से भेंट की।

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